Monday, November 3, 2008

सृष्टिके सभी जीवों में माँ और संतान का सम्बन्ध बनाकर भगवान् ने समत्व दिखाया है यदि हम भी जीवन के सुख-दुःख में या मानव मात्र को समता की नज़र से देखें ,तो हम ईश्वर के विचारों का अनुसरण कर उसके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकते है

5 comments:

बाल भवन जबलपुर said...

सुस्वागतम
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sach men ati sundar

रचना गौड़ ’भारती’ said...

bahut acchaa swaagat hai

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

ishwar ne sabko khubsurat banaya hai, ye to hamari aankhen hain jo tay karti hai
narayan narayan

अभिषेक मिश्र said...

Sundar bhav, aur tasveer bhi acchi chuni. Swagat aapka mere blog par bhi.

Amit K Sagar said...

ब्लोगिंग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. लिखते रहिये. दूसरों को राह दिखाते रहिये. आगे बढ़ते रहिये, अपने साथ-साथ औरों को भी आगे बढाते रहिये. शुभकामनाएं.
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साथ ही आप मेरे ब्लोग्स पर सादर आमंत्रित हैं. धन्यवाद.