Monday, November 3, 2008

फूल (कीचड़ या पत्थरों) में जन्म लेकर भी अपनी सुन्दरता से सभी को आकर्षित करता है ठीक उसी तरह फूल की सुन्दरता से प्रेरणा लेकर मनुष्य को भी जीवन में अनेक प्रकार के स्वभाव वाले लोगों से घिरे होने के बावजूद अपनी स्वभाव की सुन्दरता कायम् रखने की कोशिश करनी चाहिए
जिस तरह सूर्यमुखी का फूल सूरज की तीक्ष्ण प्रहार करने वाली किरणों से न घबराते हुए तटस्थ खड़े रहकर उनका सामना करता है ,उसी तरह मानव को भी जीवन में आने वाली प्रत्येक कठिनाई का सामना करना चाहिए
विद्यामाता सरस्वतीजी का वाहन उल्लू की जिस तरह अन्य जीवों से विपरीत दिनचर्या ही उसकी विशिष्टता दर्शाती है ,उसी तरह प्रसिध्द हस्तियों की विशिष्ट दिनचर्या या कार्य -प्रणाली के कारण ही वे सामान्य व्यक्ति से भिन्न होते है और यही उनकी विशेषता है
इस वृक्ष की तरह हमें भी जीवन की कठिनाइयों से लड़ते हुए अपनी अस्मिता बनाये रखनी चाहिए
सृष्टिके सभी जीवों में माँ और संतान का सम्बन्ध बनाकर भगवान् ने समत्व दिखाया है यदि हम भी जीवन के सुख-दुःख में या मानव मात्र को समता की नज़र से देखें ,तो हम ईश्वर के विचारों का अनुसरण कर उसके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट कर सकते है

बहुत दिनों तक मन् में उठ रहे तूफानों से झुझनें के बाद मुझे मेरी रूचि के क्षेत्र नज़र आते दिखाई दिए और मैंने निश्चित कर लिया, मैं अपना कुछ समय मेरी रुचियों के लिए भी उपयोग करुँगी तभी से मेरा अपनी कला को गहराई से टटोलने का प्रयास ज़ारी हुआ ,इसीलिए मेरे कुछ बनाये हुए द्रविंग्सपोस्ट कर रही हूँ